भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में 1 अक्टूबर 2024 से लागू किए गए प्रबंधन के नए फैसलों ने बीमा अभिकर्ताओं के बीच गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। आल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन (AILIAA) सहित अन्य संगठनों ने इन फैसलों के खिलाफ जोरदार विरोध जताते हुए आंदोलन की घोषणा की है।
नए बदलाव: क्या है विवाद की जड़
LIC ने बीमा योजनाओं में कई अहम बदलाव किए हैं, जिनमें:
- बीमाधन की न्यूनतम राशि एक लाख से बढ़ाकर दो लाख करना।
- पॉलिसी आयु सीमा को 55 से घटाकर 50 करना।
- अभिकर्ताओं के कमीशन में कटौती।
- 'फ्लौ बैंक' का विवादास्पद निर्णय।
इन फैसलों को अभिकर्ताओं और पॉलिसीधारकों दोनों के हितों के खिलाफ बताया जा रहा है।
AILIAA का कड़ा विरोध
AILIAA के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस.एल. ठाकुर ने कहा, "यह बदलाव बीमा अभिकर्ताओं की आजीविका पर गहरा प्रहार है। कमीशन घटाने और 'फ्लौ बैंक' जैसे फैसलों से बीमा एजेंट्स की वित्तीय स्थिरता को बड़ा नुकसान होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि संगठन ने पहले ही LIC प्रबंधन, आईआरडीए और वित्त मंत्रालय के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज कराई थीं, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया।
आंदोलन की तैयारी
AILIAA ने चेतावनी दी है कि यदि 15 अक्टूबर 2024 तक इन फैसलों को वापस नहीं लिया गया, तो संगठन देशव्यापी आंदोलन करेगा। ठाकुर ने कहा कि यह आंदोलन अभिकर्ताओं की आजीविका और पॉलिसीधारकों के अधिकारों की रक्षा के लिए है।
AILIAA की मुख्य मांगें
- 'फ्लौ बैंक' का निर्णय तुरंत वापस लिया जाए।
- कमीशन कटौती बंद की जाए।
- पॉलिसी आयु सीमा में किए गए बदलाव पर पुनर्विचार हो।
अभिकर्ताओं की एकजुटता
अभिकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे प्रबंधन और सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष सिर्फ अभिकर्ताओं का नहीं, बल्कि पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए भी है। AILIAA और अन्य संगठनों के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन LIC के इतिहास में अभिकर्ताओं की सबसे बड़ी आवाज बनने की ओर अग्रसर है।