भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के अभिकर्ताओं के बीच सूचनाओं की पारदर्शिता को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है। हाल ही में सामने आए मामलों से यह स्पष्ट हो रहा है कि अभिकर्ताओं को प्रबंधन द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी समय पर नहीं दी जा रही है, जिससे कई तरह की गलतफहमियाँ और कार्य में बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं।
इसके साथ ही LIC अभिकर्ताओं पर प्रबंधन द्वारा अनावश्यक दबाव और मानसिक शोषण का आरोप भी लगातार उठ रहा है। वर्षों से चली आ रही इन समस्याओं के विरोध में अभिकर्ताओं ने हाल ही में आंदोलन का सहारा लिया, जिसमें बड़ी संख्या में एजेंटों ने भाग लिया।
आल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स असोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, “प्रबंधन न केवल अभिकर्ताओं के हितों की अनदेखी कर रहा है, बल्कि अपने रिकॉर्ड तक व्यवस्थित रूप से नहीं रख रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि सूचना के अधिकार (RTI) के अंतर्गत जब अभिकर्ताओं ने संबंधित जानकारियाँ मांगीं, तो प्रबंधन ने खुद यह स्वीकार किया कि उनके पास आवश्यक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं।
यह स्थिति न केवल LIC के अंदरूनी प्रबंधन की खामियों को उजागर करती है, बल्कि इससे एजेंटों के मनोबल और उनकी कार्यक्षमता पर भी सीधा प्रभाव पड़ रहा है। असोसियेशन ने मांग की है कि LIC प्रबंधन पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करे, ताकि एजेंटों को सम्मानजनक कार्य वातावरण मिल सके और ग्राहकों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराई जा सके।